प्यारे दोस्तों.....
लेखन के इस नेट जगत में मैं चेतनादित्य आपलोगों के संग शिरकत करने के लिए सजधज कर तैयार हूँ....आशा है इस नामालूम से शख्स को आप सबका वैसा ही प्रेम मिलेगा जैसा कि अन्य सभी ब्लागरों को प्राप्त होता रहा है......आप सबों का साथ पाने की इसी आशा के संग.......
फैली बासंती सुरभि
बजाओ फिर वही दुंदुभि
कि जोड़ो फाग-राग से
लोग-बाग़ को
कि बदलो देश-भाग* को
रंगो धरती विशाल को,
यह प्रस्तर नभ,
भारत के भाल को,
यौवन के गाल को,
कि रहे न कोई हिन्दू,
सिक्ख ,न मुस्लिम,
ना रहे इसाई,
ना रहे पारसी
ना बड़ा रहे कोई
ना हो कोई छोटा
ना हो गोरा
ना काला हो
ना ऊँच हो
ना नीच हो
धुलें सब मैल
मिटे सब भेद,
रंगो जन-जन को
रंगो हर मन को
कि फिर से गाओ
वही धुन-राग
मुसाफिर जाग
जगाओ भाग*
इस नए साल का
देश-काल का
जोड़ो सभी दिशाएँ
उत्तर-दक्षिण
पूरब-पश्चिम
ऊपर-नीचे
दायें-बाएं
बनाओ-
देश वही एक बार
बसाओ-
फिर नया संसार
जहां हो-
प्रेम,क्षमा,सद्भाव,
करुणा,दया और उपकार
मिले सब तार
द्वेष हों छार
खुलें नवद्वार
मिटें सब रार
बहाओ-
फिर से नयी बहार
बनाओ ऐसा अपना देश
यही है बासंती सन्देश .
(*भाग = भाग्य)
नमस्कार दोस्तों, मैं आपका अपने ब्लौग पर स्वागत करता हूँ, जहां हम न केवल आपस में अपनी बातें साझा कर सकते हैं बल्कि अपनी सड़ चुकी व्यवस्था में बदलाव भी ला सकते हैं. मैं आश्वस्त हूँ कि यदि हम प्रयास करें तो हम सब मिलकर अपनी धरती को रहने के लायक एक बेहतर जगह बना सकते हैं. अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए आपका भी यहाँ पर स्वागत है.
थोड़ी बातें मेरे बारे में...!

- चेतनादित्य आलोक
- रांची, झारखण्ड, India
- पुराना नाम: आलोक आदित्य, लेखक, पत्रकार, योग प्रशिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता, सम्पादक: जागृति संवाद (हिन्दी, द्वैमासिक). 'सौंग ऑफ दी वूड्स' नामक पुस्तक दिसंबर १९९३ में रांची, इंडिया से प्रकाशित. मीडिया की पढ़ाई स्वीडेन (यूरोप) से. 'सौंग ऑफ दी वूड्स' पुस्तक में झारखण्ड के आदिवासियों की जीवन-शैली, कला, साहित्य, संस्कृति एवं परम्पराओं की चर्चा है. यह पुस्तक भारत एवं विश्व के अन्य देशों के समाज-विज्ञानियों द्वारा पसंद की गयी एवं सराही जा चुकी है. इसके अलावा भारत के सम्बन्ध में 'इंडिया एज आई नो इट' नामक एक लघु पुस्तिका स्वीडेन से १९९८ में प्रकाशित हो चुकी है. मैं अपने को एक विश्व नागरिक के रूप में घोषित करता हूँ. मैं जाति, धर्मं, वर्ण आदि में विशवास नहीं करता. यह पूरी दुनियां मेरे लिए कुटुंब जैसी है-वसुधैव कुटुम्बकम!
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bahut khoob aalok bhaayi.....kyaa baat....isi tarah likhte rahiye.....
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है !अनेक शुभकामनायें .
जवाब देंहटाएंVANDE MATARAM !
remove word verification .this helps not .
Anek shubhkamnaon sahit swagat hai..
जवाब देंहटाएंswagat hai ...........khubsurat shuruaat.....ek pavittra lakshay....bahut achhe...
जवाब देंहटाएंZaroor banega aisa sapnon ka Bharat! Ameen!
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
plz do comments...
जवाब देंहटाएंyou can read shayari-sms-jokes http://shayari10000.blogspot.com